Bhu Aadhaar ULPIN: भारत में प्रत्येक व्यक्ति के पास अपना आधार कार्ड होता है जो उस व्यक्ति की पहचान होता है उसी प्रकार सरकार द्वारा भू आधार लॉन्च किया गया है जो कि आपकी जमीन का आधार कार्ड है चूंकि अब सरकार द्वारा आधार के माध्यम से विभिन्न प्रकार की सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भारत के नागरिकों को प्रदान किया जा रहा है।
क्योंकि एक व्यक्ति का केवल एक ही आधार कार्ड होता है जिसके अंतर्गत भारत के सभी नागरिकों को 12 अंकों का यूनिक नंबर प्रदान किया जाता है जिससे सरकार को सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करने में आसानी होती है आधार कार्ड के माध्यम से सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करने पर सरकार बहुत सारे फर्जी तरीके से लाभ प्राप्त करने वाले लोगों से बच जाती हैं और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लाभार्थी वर्ग को ही मिल पाता है।
Bhu Aadhaar ULPIN
ठीक उसी तरह भू आधार आपके जमीन का पहचान पत्र है जिसे सरकार द्वारा भू आधार कहा जा रहा है जिसके अंतर्गत आपके जमीन की एक यूनिक आइडेंटीफिकेशन नंबर जनरेट की जाएगी ठीक उसी प्रकार जिस तरह आधार कार्ड के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति को 12 अंकों का यूनिक अंक प्रदान किया गया है इस नई व्यवस्था को लाने का मुख्य उद्देश्य भूमि विवादों को सुलझाना है क्योंकि भू आधार के माध्यम से जमीन के वास्तविक मालिक की पहचान आसानी से की जा सकेगी।
भू आधार की घोषणा केंद्र सरकार के 2024 के बजट में की गई है जिससे ग्रामीण और शहरी सभी क्षेत्रों में भूमि के पहचान करने में मदद मिलेगी तथा भूमि के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया भी आसन एवं सरल बन पाएगी क्योंकि भू आधार के माध्यम से ग्रामीण एवं शहरी सभी क्षेत्रों के भूमि का डिजिटलीकरण किया जाएगा और उन्हें एक 14 अंकों का विशिष्ट पहचान संख्या प्रदान की जाएगी।
भू आधार क्या है?
भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन के द्वारा घोषणा की गई है की सभी क्षेत्रों में भूमि को एक विशिष्ट पहचान संख्या प्रदान की जाएगी जिसे भू आधार अर्थात Bhu Aadhar-ULPIN के नाम से जाना जाएगा जिस भूमि सुधार को बढ़ावा मिलेगा तथा इस विशिष्ट पहचान संख्या के माध्यम से भूमि का सर्वेक्षण, मैपिंग, भूमि के मालिक की पहचान तथा किसानों का पंजीकरण बहुत ही आसानी से किया जा सकेगा जिसके माध्यम से किसानों को लोन प्राप्त करने में भी आसानी होगी।
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भू आधार सरकार की कैसे पहल है जिसके द्वारा सभी जमीनों को एक यूनिक 14 अंकों का पहचान नंबर प्रदान किया जाएगा जिसे ULPIN के नाम से जाना जाएगा जो की भूमि प्रशासन के के कार्य को अधिक पारदर्शी और सुगम बनाता है।
भू आधार के फायदे:
भू आधार के अनेक फायदे हैं सबसे पहले तो भू आधार के माध्यम से जमीन की पहचान करना बहुत ही आसान हो जाता है जिससे भूमि के स्वामित्व को लेकर होने वाले अनेक झगड़ों में कमी आती है इसके साथ ही साथ भूमि की खरीदी, बिक्री तथा भूमि से संबंधित अन्य लेनदेन की प्रक्रिया काफी आसान बन जाते हैं भू आधार के माध्यम से सरकार के पास सही एवं सटीक उत्तर जाता है जिससे सरकार भूमि से जुड़ी सभी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू कर पाता हैं क्योंकि भू आधार के माध्यम से भूमि का उपयोग भूमि का मलिक किस कार्य के लिए किया जा रहा है इसकी भी जानकारी भी सरकार को मिलती है।
भू आधार कैसे काम करता है?
भू आधार के द्वारा सबसे पहले भूमि का सर्वेक्षण किया जाता है जिसके आधार पर भूमिका डिजिटल मैप तैयार किया जाता है इस मैप में उसे भूमि से संबंधित सारी जानकारी जैसे भूमि के स्वामी का नाम भूमि की सीमाएं और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी शामिल होती है और इन सभी जानकारी के आधार पर भूमि मालिक को 14 अंकों का यूनिक पहचान नंबर जनरेट करके सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है।
भू आधार में कौन सी जानकारी शामिल होती है?
भू आधार के माध्यम से जमीन के मालिक को 14 अंकों का यूनिक पहचान नंबर प्रदान किया जाता है जो प्रत्येक जमीन के लिए भिन्न-भिन्न होता है जो की एक तरह से जमीन के आधार कार्ड का कार्य करता है इस भु आधार में जमीन से संबंधित सारी जानकारी जैसे जमीन का वास्तविक क्षेत्रफल, जमीन का प्रकार (कृषि, वाणिज्य अथवा आवासीय), जमीन के मालिक का नाम, पता, संपर्क नंबर, मलिक के आधार कार्ड का नंबर, जमीन की सीमाएं, जमीन का उपयोग, जमीन पर लगने वाला वास्तविक कर एवं जमीन से संबंधित सारे कानूनी दस्तावेज शामिल है जिसके माध्यम से किसी जमीन को लेकर होने वाले भूमि विवादों को कम किया जा सकता है और जमीन के मालिक द्वारा भूमि से जुड़े सरकारी दस्तावेजो को आसानी से बनाया जा सकता है जिससे आम जनता को भूमि से संबंधित कोई दस्तावेज बनवाने के लिए विभिन्न कार्यालय के चक्कर काटने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और उनके भूमि संबंधित सारे दस्तावेज आसानी से बन पाएंगे।