Bhagya Lakshmi Yojana: वर्तमान समय में भी भारतीय समाज में बेटियों की तुलना में बेटों को अधिक तवज्जो दिया जाता है। बेटों को हर काम में आगे बढ़ाया जाता है चाहे वहां शिक्षा हो या व्यापार हो लेकिन बेटियों को घर के कामों में ही व्यस्त रखा जाता है। इस भेदभाव के कारण अधिकतर बेटियां अपनी आगे की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाती हैं जिससे उनका भविष्य अनिश्चित हो जाता है। इस समस्या की गंभीरता को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भाग्यलक्ष्मी योजना की शुरुआत की है। इस योजना के माध्यम से बेटियों को भी बेटों की तरह शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में अधिक अवसर मिल सके।
उत्तर प्रदेश सरकार का भाग्यलक्ष्मी योजना शुरू करने का मुख्य उद्देश्य राज्य की गरीब परिवारों में जन्मी कन्याओं को आर्थिक सहायता प्रदान कर उनको आगे बढ़ाना है। इस योजना के माध्यम से गरीब परिवार में जन्मी कन्याओं को ₹50000 की वित्तीय मदद प्रदान की जाती है। साथ ही साथ प्रदेश के गर्भवती महिलाओं को बेटी के जन्म पर 5100 की आर्थिक सहायता भी दी जाती है ताकि वे पोषण युक्त आहार ले सके और स्वस्थ रह सके और बच्चे को भी स्वस्थ रख सके।
भाग्यलक्ष्मी योजना का उद्देश्य:
आए दिन देश में भ्रूण हत्या की घटनाएं सामने आती रहती हैं ऐसी घटनाओं में माता-पिता और डॉक्टर सभी शामिल होते हैं। ऐसे में भाग्यलक्ष्मी योजना का मुख्य उद्देश्य भ्रूण हत्या को रोकना और बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करना है। इस योजना के माध्यम से सरकार चाहती है कि बेटियों को भी बेटों की तरह समान अवसर मिले और वह भी शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ सके। बेटियां भी बेटों से काम नहीं होती हैं अगर उन्हें सही अवसर दिया जाए आज हर क्षेत्र में बेटियां अपनी पहचान बना रही है चाहे वह सरकारी नौकरियां हो या प्राइवेट नौकरियां हों लगभग सभी क्षेत्रों में लड़कियों का योगदान महत्वपूर्ण है।
भाग्यलक्ष्मी योजना की पात्रता:
- केवल उत्तर प्रदेश के स्थाई निवासी और बीपीएल परिवार की बालिकाओं को ही इस योजना का लाभ मिलेगा।
- वे बालिकाएं जिनका जन्म 31 मार्च 2006 के बाद हुआ है और जिनके परिवार की वार्षिक आय ₹200000 से अधिक ना हो।
- बालिका का टीकाकरण भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा सही-सही हुआ हो।
- बालिका की शादी 18 वर्ष की उम्र से पहले नहीं होना चाहिए।
आवश्यक दस्तावेज:
भाग्यलक्ष्मी योजना में आवेदन करने के लिए निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता होती है-
- बालिका का जन्म प्रमाण पत्र।
- माता-पिता का आधार कार्ड।
- निवास प्रमाण पत्र।
- आय प्रमाण पत्र।
- बैंक खाता पासबुक।
- पासपोर्ट साइज फोटो इत्यादि।
इस योजना का लाभ लेने के लिए अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर या फिर आंगनबाड़ी केंद्र पर जाकर आवेदन फॉर्म भरना होता है और सभी आवश्यक दस्तावेज की फोटोकॉपी संलग्न करना होता है।
भाग्य लक्ष्मी योजना के लाभ:
भाग्यलक्ष्मी योजना के माध्यम से बालिकाओं को शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। जो कि कुछ इस प्रकार है-
- बालिका के कक्षा छठवीं में पहुंचने पर ₹3000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
- कक्षा आठवीं में पहुंचने पर ₹5000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
- कक्षा दसवीं में पहुंचने पर ₹7000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
- कक्षा 12वीं में पहुंचने पर ₹8000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
- इसके अलावा बालिका के 21 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर परिवार को ₹200000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस पेज का उपयोग बालिका अपने आर्थिक जरूरत को पूरा करने के लिए सकती है चाहे फिर वह शादी के लिए हो या फिर आगे की पढ़ाई करने के लिए।
भाग्यलक्ष्मी योजना की आवेदन प्रक्रिया:
- भाग्यलक्ष्मी योजना के लिए आवेदन करने के लिए सबसे पहले आपको अपने नजदीक के चॉइस सेंटर जाकर या फिर आंगनबाड़ी केंद्र में जाकर आवेदन फार्म प्राप्त कर लेना है।
- अब हमको सावधानी पूर्वक भर लेना है और इसके साथ आवश्यक दस्तावेजों की फोटो कॉपी संलग्न करना है जो ऊपर बताया गया है।
- इसके बाद सभी दस्तावेजों को सत्यापित कराकर फॉर्म को केंद्र में जमा कर देना है और रसीद प्राप्त कर लेना है। अब आपको आवेदन फार्म की स्वीकृति का इंतजार करना है जैसे ही योजना के लिए स्वीकृति मिल जाएगी योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता की राशि समय-समय पर आपके खाते में जमा कर दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश सरकार भाग्यलक्ष्मी योजना के माध्यम से प्रदेश की बेटियों को सशक्त बनाना और उनके भविष्य को सुरक्षित करना चाहती है। सरकार को उम्मीद है कि इस योजना से न केवल भ्रूण हत्या की घटना रुकेंगी बल्कि बेटियों को भी शिक्षा और रोजगार के समान अवसर मिलेंगे। जिसका लाभ प्राप्त करके बेटियां आत्मनिर्भर बन पाएंगी और समाज में अपनी पहचान बना पाएंगी।
Bhagya Lakshmi Yojana:
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भाग्यलक्ष्मी योजना आवेदन फॉर्म – डाउनलोड